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Bihar news: केके पाठक के शिक्षा विभाग की नई पहल, अब बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाने के लिए होगा ये काम

 बच्चों की समस्याओं को जानने और उनका समाधान करने के लिए शिक्षा विभाग ने नई पहल की है. इसमें बच्चों को बताया जाएगा कि स्कूल जाते समय और घर से लौटते समय खुद को खतरों से कैसे बचाया जाए। 



स्कूल स्तर पर बच्चों से स्कूल आने और घर लौटने में आने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी ली जाएगी। तभी उनकी समस्या का समाधान होगा. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक ने पत्र जारी कर आदेश जारी किया है.


स्कूली बच्चों को अप्रिय घटनाओं का शिकार होने से बचाने के लिए यह पहल की गई है। इस पहल का नाम होगा एच टू एच यानी खतरों से सुरक्षा. इसमें स्कूल के सभी वर्ग के बच्चों को शामिल किया जाएगा।


स्कूलों में बनेंगे ग्रुप, बच्चे देंगे फीडबैक


प्रत्येक विद्यालय में 10 से 15 बच्चों का समूह बनाया जाएगा। उनसे फीडबैक लिया जाएगा कि उन्हें स्कूल आने में किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हर 15 दिन में छात्रों का समूह बदल जाएगा, ताकि सभी भाग ले सकें। शिक्षक बच्चों को रास्ते में आने वाली समस्याओं की पहचान करेंगे और फिर उनका समाधान करेंगे।


शिक्षक-अभिभावक सेमिनार में छात्रों की समस्याओं पर चर्चा की जायेगी. फिर उन समस्याओं को दूर करने की पहल की जायेगी. इस अभियान में स्कूल के आसपास के जन प्रतिनिधियों और पुलिस अधिकारियों को भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है. अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा।


प्रत्येक कक्षा से दो विद्यार्थी बाल प्रेरक बनेंगे।


बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अनुसार प्रत्येक कक्षा से दो-दो बच्चों को बाल प्रेरक बनाया जायेगा. साथ ही सुरक्षित शनिवार के तहत बच्चों को जीवन रक्षक कौशल जैसे सीपीआर देना और दिल का दौरा पड़ने पर क्या करना चाहिए के बारे में जानकारी दी जाएगी, लड़कियों को आत्मरक्षा, अच्छा स्पर्श, बुरा स्पर्श आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक स्कूल के नोडल शिक्षक प्रशिक्षण दिया जाना है.


इसे जिले के सभी स्कूलों में लागू किया जा रहा है. इसकी निगरानी भी की जायेगी. बच्चों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में शिक्षा विभाग हरसंभव मदद करेगा. – मानवेंद्र कुमार राय, डीपीओ, प्राथमिक एवं सर्व शिक्षा अभियान, समस्तीपुर।