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सेवाकाल में मृतक के आश्रित की योग्यता के आधार पर होगी नियुक्ति

 पटना। सेवा काल के दौरान मृत शिक्षकों के आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार पदों पर नियुक्ति की जाएगी।


सरावगी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सेवा काल के दौरान अगर किसी शिक्षक की मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाती है। भाजपा विधायक संजय सरावगी ने सदन में सवाल उठाया कि जिन शिक्षकों की मृत्यु सेवाकाल के दौरान हुई उनके परिजनों को शिक्षक पद पर नियुक्ति नहीं की जा रही है जबकि मृत शिक्षक के आश्रितों को शिक्षक पद पर नियुक्ति होती थी। इस गंभीर सवाल का जवाब शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार के नए कदम से मृत शिक्षकों के आश्रितों की नियुक्ति नहीं हुई है लेकिन राज्य सरकार वैसे लोगों को सहायक और परिचारी के पद नियुक्त करेगी। भाजपा विधाक संजय सरावगी के सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने जवाब दिया। उन्होंने सदन को बताया कि पहले ऐसी व्यवस्था थी। 2006 में नई शिक्षक नियमावली में पंचायत और नगर निकाय को शिक्षक नियुक्ति का अधिकार दिया गया था हालांकि सरकार का निदेश था कि सेवा काल में अगर शिक्षकों की मृत्यु होती है तो उनके आश्रित को शिक्षक की नौकरी दी जाय। 2015 में भारत सरकार का सर्कुलर आया जिसमें शिक्षक नियुक्ति के लिए टीईटी या सीटीईटी पास होना जरूरी और दूसरी शर्त प्रशिक्षण का था। 2015 के बाद से जो लोग ये दोनों शर्त का पालन करते थे उन्हें ही नियुक्ति मिली।



2023 के बाद सरकार ने यह फैसला लिया कि अब शिक्षकों को नियुक्ति बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को नियुक्त करेगी। मंत्री विजय चौधरी ने आगे कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार के नए कदम से नियुक्ति नहीं हुई। अगर अब किसी शिक्षक की सेवा काल में मृत्यु होती है तो उनके आश्रित को अनुकंपा पर सहायक या परिचारी में नियुक्ति करेंगे। 6421 विद्यालय सहायक के पदों पर नियुक्ति होगी।