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सक्षमता परीक्षा के पहले चरण में 56 फर्जी नियोजित शिक्षक धराए, कई जांच के घेरे में

 सक्षमता परीक्षा के पहले चरण में 56 फर्जी नियोजित शिक्षक धराए, कई जांच के घेरे में 

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बीते सोमवार से


सक्षमता परीक्षा शुरू हो गई है। छह मार्च तक चलने वाली यह परीक्षा राज्य के 9 जिलों में कुल 52 कंप्यूटर केंद्रों पर ली जा रही है। राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य बताया गया है। सक्षमता परीक्षा को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। सक्षमता परीक्षा में शामिल होने के लिए सूबे के सभी जिलों से नियोजित शिक्षकों ने आवेदन दिया था। आवेदनों की जांच के क्रम में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। सूबे में एक ही टीईटी, एसटीईटी और बीटेट क्रमांक पर कई जिलों में शिक्षक कार्यरत है। यानी एक क्रमांक पर कई शिक्षक काम कर रहे हैं। यह स्थिति किसी एक जिले नहीं बल्कि अधिकतर जिलों में है। भले ही टीईटी व एसटीईटी उत्तीर्ण करने वाले एक हों, लेकिन उस नाम और रोल नंबर पर कई लोग बहाल कर दिये गये है। यह खुलासा तब हुआ जब दूसरे जिले के स्थानीय निकायों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों ने


सक्षमता परीक्षा को लेकर किया। पहले फेज में 56 ऐसे नियोजित शिक्षक पकड़े गए है,जो एक ही क्रमांक पर कई जिलों में कार्यरत है। साथ ही अभी भी 414 आवेदन पेंडिंग है तथा 3 नियोजित शिक्षकों कों ने ने रिव्यू रिव्यू पेटिशन डाला है। कई नियोजित शिक्षक जांच के घेरे में



अभी भी सैकड़ों नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। यही कारण है कि कई नियोजित शिक्षकों के द्वारा सक्षमता परीक्षा का विरोध भी किया जा रहा है। अभी भी कई नियोजित शिक्षकों के आवेदन को जांच के लिए पेंडिंग रखा गया है। ये मामला कमोवेश सभी जिलों में एक जैसा ही है। इस जिले के एक अभ्यर्थी के सर्टिफिकेट नम्बर पर कई जिलों में शिक्षक कार्यरत है। इन शिक्षकों के वेतन का भी भुगतान किया जा रहा है। बेन प्रखंड के छकौड़ीबिगहा स्कूल की प्रखंड शिक्षिका नीतू कुमारी के द्वारा भी सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन दिया गया था। इनके भी आवेदन को रोक दिया गया था। शिक्षिका ने इसकी शिकायत डीएम से की। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। ऐसे सभी नियोजित शिक्षकों के एडमिट कार्ड को रोक दिया गया है।