सीवान. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर वैसे सभी पदाधिकारी और कर्मचारी की सूची मांगी है जिनके द्वारा शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों के इपीएफ की राशि विलंब से जमा करने पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने जुर्माना लगाया है. पत्र में निदेशक ने कहा है कि राज्य के विभिन्न पंचायत, प्रखंडों एवं नगर में अवस्थित विद्यालयों में तथा अल्पसंख्यक विद्यालय एवं मदरसा में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों के इपीएफ की राशि वर्ष 2020 के सितंबर महीने से जमा की जाती है. यह राशि सरकार एवं शिक्षकों के अंशदान से जमा की जाती है. प्रत्येक महीने वेतन भुगतान के बाद चालान के माध्यम से इपीएफ की राशि 15 तारीख तक जमा की जाती है. शिक्षकों के ईपीएफ की
राशि विलंब से जमा होने की स्थिति में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है. निदेशक ने कहा है कि यदि किसी जिले में विलंब से इपीएफ की राशि जमा करने पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा कोई जुर्माना लगाया गया है तो इसके लिए दोषी पदाधिकारी और कर्मचारी को चिन्हित किया जाए. निदेशक ने ऐसे दोषी पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के समेकित प्रतिवेदन की मांग की है.
शिक्षकों के द्वारा बार-बार इसकी शिकायत की जा रही थी : मालूम हो कि शिक्षकों के द्वारा बार-बार इस बात की शिकायत की जा रही थी कि प्रत्येक महीने शिक्षकों का अंशदान इपीएफ में काट लिया जाता है लेकिन सरकारी अंशदान की राशि कई-कई महीने तक जमा नहीं की जाती.
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