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UP Panchayat Sahayak Recruitment 2021-पंचायत सहायक भर्ती मामले में कोर्ट इन बिंदुओं के आधार पर दे सकता है नियुक्ति के आदेश

इन दिनों यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतियोगी उम्मीदवारों के बीच ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सहायक पदों होने वाली भर्ती चर्चा का विषय बनी हुई है। इस भर्ती के अंतगर्त 58,189 अभ्यर्थियों को उन्हीं की पंचायत में  मेरिट के आधार पर रोजगार मुहैया कराया जाना था। लेकिन अभी तक इन पदों के लिए उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। इस भर्ती की आवेदन और चयन प्रक्रिया को लेकर कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद से मामला कोर्ट में विचाराधीन बना हुआ है।



इस केस की सुनवाई 13 अक्टूबर को की जानी थी लेकिन कई कारणों से ऐसा संभव नही हो सका। इसलिए कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई करने के लिए 18 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की थी, जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जा सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी साझा करने हैं, जिसके आधार पर कोर्ट द्वारा आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का फैसला लिया जा सकता है। लेकिन कोर्ट इस मामले में दूसरा फैसला भी ले सकता है, जो सर्वमान्य होगा।

किन बिंदुओं के आधार पर दी सकती है नियुक्ति 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पंचायत सहायक भर्ती को लेकर चल रहे मामले में 18 अक्टूबर को सुनवाई होगी। इस सुनवाई में कोर्ट नीचे दिए बिंदुओं पर विचार विमर्श कर आवेदनकर्ताओं की नियुक्ति का फैसला भी दे सकती है या कोर्ट द्वारा कोई अन्य फैसला भी लिया जा सकता है। 


1. ग्राम प्रधान के समान जाति/वर्ग/लिंग वाले उम्मीदवारों के आवेदन को ही मान्यता दिए जाने वाले नियम को लेकर कोर्ट 1 वर्ष बाद इन पदों के लिए दोबारा भर्ती आयोजित किए जाने का फैसला सुन सकता है, जिसमें सभी जाति/धर्म/वर्ग/लिंग के अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका दिया जाएगा। 

 

2. प्रदेशभर में कुल 58,189 पंचायत सहायक के पद निर्धारित हैं, जिनमें अब तक 45 हजार से भी अधिक अभ्यर्थियों का चयन विभाग द्वारा किया जा चुका है। ऐसे में यदि पुन: भर्ती आयोजित की जाती है तो पूरी प्रक्रिया के लिए काफी लंबा समय लग सकता है। इसलिए इन चयनित उम्मीदवारों को ही नियुक्ति दी जा सकती है।

3. पंचायत सहायक के 58 हजार से भी अधिक पदों पर होने वाली इस भर्ती में अब तक 17 हजार से ज्यादा चयनित उम्मीदवारों के अनुबंध पत्र भी जमा कराए जा चुके हैं। ऐसे में कोर्ट इन अभ्यर्थियों पर भी विचार कर सकता है। 

 

4. कोर्ट द्वारा मेरिट के आधार पर चयन और मेरिट में वरीयता दिए जाने वाले नियमों को भी देखा जा सकता है। अगर वरीयता नियम सभी उम्मीदवारों के हितों से अनुपूरक पाए जाते हैं तब भी हाईकोर्ट आवेदन करने वाले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का फैसला सुन सकता है। 


हालांकि इन सभी के बिंदुओं के अलावा कोर्ट कोई अन्य फैसला भी ले सकता है, जो उसके स्व: विवेक के आधार पर न्यायसंगत होगा। कोर्ट द्वारा लिया गया निर्णय ही अंतिम निर्णय माना जाएगा। 





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